आड़ू बना देगा अमर !!!


लाल और पीले रंग के इन फलों को हम हिंदी में आड़ू और अंग्रेजी मे Peach कहते हैं। इनका वास्पतिक नाम : प्रूनस पर्सिका है। इसका मूल उत्पत्ति स्थान चीन है लेकिन कुछ वैज्ञानिक इसे ईरान में उत्पन्न हुआ बताते हैं। भारत के पर्वतीय तथा उप-पर्वतीय भागों में इसकी सफल खेती होती है। ये स्वाद में मीठा और थोड़ा कच्चा होने पर खट्टा-मीठा होता है  



 आप जिस आड़ू के पेड़ को तस्वीर में देख रहे हैं उसकी वैराइटी का नाम red june है और नाम के ही मुताबिक ये जून के महीने में ही पक कर लाल और मीठा हो जाता है आड़ू यानि पीच सेहत के लिहाज से गुणों का भंडार है। आड़ू फाइबर का अच्छा स्रोत है इसमें कम कैलोरी होती है। ये शरीर के मैटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और इस प्रकार आड़ू वजन घटाने में सहायता करता है


आड़ू में कैरोटी नॉयड और कैफिक एसिड पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। ये दोनों कैंसर की रोकथाम में कारगर होते हैं। आड़ू में पॉली फेनॉल्स भी पाए जाते हैं,जो ट्यूमर को कैंसर में परिवर्तित नहीं होने देते। आड़ू में विटामिन-, सी और कैरोटी नॉयड्स पाए जाते हैं, जो ग्लूकोमा को दूर कर सकते हैं। साथ ही ये स्वस्थ आंखों के लिए आवश्यक तत्व है। रोजाना एक ताजा आड़ू खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिल जाता है। फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने में योगदान देता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है यह लिवर और मूत्राशय को भी साफ करने में मदद करता है  

अगर आप उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं, तो प्रतिदिन एक आड़ू फल का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकता है। आड़ू में पाया जाने वाला फाइबर शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। ताजा पीच के गूदे और छिलके का सेवन साइट टॉक्सिसिटी से छुटकारा दिलाता है, जो कि मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए हानिकारक होता है। साथ ही इसके सेवन से मस्तिष्क के ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को भी दूर करने में मदद मिलती है आड़ू में पाया जाने वाला फोलेट दिमाग को स्वस्थ रखने में सहायक होता है


आड़ू में पोटैशियम, फ्लोराइड और आयरन जैसे कई महत्वपूर्ण खनिज होते हैं। पोटैशियम सेल और शरीर के तरल पदार्थों का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो ह्रदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित
करने में मदद करता है। आड़ू का प्रतिदिन सेवन करने से कोरोनरी ह्रदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम काफी कम हो सकता है। आड़ू में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा होती है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत रख तनाव को कम करने में मदद करता है।

आड़ू के अंदर जिंक की भी मात्रा भी पाई जाती है, जिसमें एंटी-एजिंग यानी बुढ़ापे को रोकने के गुण होते हैं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, आड़ू जैसे जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ावा देता है।साथ ही यह पुरुषों के शरीर में टेस्टो स्टेरॉन के स्तर को बढ़ाकर प्रजनन क्षमता को बेहतर कर सकता है । पीच में जरूरी पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान जरूरी होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने में मदद मिलती है। साथ ही त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे कि दाग और धब्बे तेजी से ठीक होते हैं।


शरीर को डिटॉक्सीफाई करने से काफी फायदा होता है। शरीर को डिटॉक्सिफाई करने का मतलब है शरीर में जमा हो चुके विषैले पदार्थों को बाहर निकालना। इससे सिर्फ वजन संतुलित रहता है, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। रोजाना एक ताजा पीच खाने के फायदे ये होते हैं कि इससे शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकाला जा सकता है।

फाइबर जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर आड़ू गर्भावस्था में फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियों, दांतों, त्वचा, मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं
के स्वस्थ विकास में मदद करता है। यह आयरन का भी अच्छा स्रोत है, जो गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण है। आड़ू में पाए जाने वाले फोलेट के कारण नवजात शिशु के मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के दोष दूर होते हैं। आड़ू में फोलिक एसिड होता है,जो गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन और थकान को कम करने में मदद करता है। 


वैज्ञानिक अनुसंधान से पता चलता है कि आड़ू रक्त में हिस्टामाइन के स्तर को बेहतर कर एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, आड़ू का अर्क एलर्जी के कारण शरीर में आने वाली सूजन को कम कर सकता है। आड़ू  एस्कॉर्बिक एसिड और जिंक से समृद्ध हैं, जो शरीर की स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसमें पाया जाने वाला विटामिन-सी और जस्ता प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने, घावों को भरने और एंटीऑक्सीडेंट गुणों को बढ़ाने में सहायता करता है। इससे शरीर को संक्रमण से लड़ने और सर्दी, मलेरिया, निमोनिया दस्त जैसी बीमारियों की गंभीरता को कम करने में मदद मिलती है


आड़ू में विटामिन-सी होता है, जो त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही यह हानिकारक संक्रमणों से भी बचाव करता है। आड़ू पराबैंगनी विकिरण के खिलाफ त्वचा पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है। आड़ू में मौजूद फ्लेवो नोइड्स, आवश्यक विटामिन और मिनरल्स मरी हुई कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं। साथ ही त्वचा को हाइड्रेट रखता है। आड़ू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण काले धब्बे जैसी समस्याओं को तेजी से ठीक करता है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन-सी, झुर्रियों को कम करके त्वचा की बनावट में सुधार कर सकता है।

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