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श्री अशोक शुक्ल संरक्षक/मार्गदर्शक,ध्वनिमत |
आप कभी अपने घर , दफ्तर , गार्डन या खेती का कोई काम कर रहे हो जिसमें आपको थोड़ी दुश्वारी हो रही हो, समस्या हो रही हो और तब आप सोचते हैं कि यार कोई इस तरह की कोई मशीन होती तो यह काम आसानी से हो सकता है यह सोचने के बाद आप किसी भी चाइनीज वेबसाइट पर जाइए और अपनी इच्छा को टाइप करिए आपको देखकर आश्चर्य होगा कि वहां पर आपकी इच्छा से मिलती-जुलती या कभी-कभी बिल्कुल हूबहू ऐसी कोई न कोई मशीन, सामान या सुविधा उपलब्ध है।
ठीक है , अब आप यह बताएं की हिंदुस्तान का वह उत्पादक जो अपने कारखाने में एक डाई बनवा करके उसको 10 साल चलाने की सोचता है , जिसने कि अंबेसडर की डाई बनाई और जिंदगी गुजार दी , उससे वह अपने बाजार में , दुनिया के बाजार में कैसे खड़ा हो सकता है !!
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आप देशभक्ति की बातें तो कर सकते हैं लेकिन अपने उस मैन्युफैक्चर को, इंटरप्रेन्योर को क्या समझाएंगे और सबसे अधिक उस ट्रेडर को कैसे समझाएंगे जो चाइना से माल उठा करके आपको पकड़ाता है और हाथ के हाथ अच्छा प्रॉफिट कमाता है । बहुत लंबी लड़ाई है, बहुत सारी प्लानिंग , जोश और पैसे की आवश्यकता पड़ने वाली है लेकिन हां करना हमें जरूर है ।
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